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राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के बीच मुख्य अंतर और विभिन्न परिदृश्यों के आधार पर व्यावहारिक प्रभाव

NPS में आपकी जमा राशि बाजार में निवेश होती है; लंबी अवधि में इक्विटी‑एक्सपोज़र से बेहतर रिटर्न संभव है पर कोई निश्चित मासिक पेंशन गारंटी नहीं होती। NPS में योगदानकर्ता को फंड मैनेजर और निवेश एलोकेशन चुनने की स्वतंत्रता मिलती है, लागत अपेक्षाकृत कम रहती है और कर‑लाभ उपलब्ध होते हैं। 


UPS एक हाइब्रिड विकल्प है: व्यक्तिगत कोष में कर्मचारी और सरकार का बराबर योगदान रहेगा और सरकार पूल‑कोष के माध्यम से अतिरिक्त योगदान कर पेंशन‑गारंटी का समर्थन करेगी। UPS में पेंशन के लिए स्पष्ट नियम हैं — 25 वर्ष सेवा पर अंतिम 12 माह के औसत मूल वेतन का 50% पूर्ण पेंशन; 10–25 वर्ष के बीच प्रो‑राटा पेंशन; और ≥10 वर्ष सेवा पर न्यूनतम ₹10,000 प्रति माह की गारंटी। UPS में महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) पेंशन के साथ लागू होगा; NPS में वार्षिकी पर महंगाई भत्ता स्वतः लागू नहीं होता।


NPS के विशेष लाभ और किनके लिए उपयुक्त है  

1. बाजार‑लिंक्ड वृद्धि: लंबी अवधि में इक्विटी‑एक्सपोज़र से उच्च रिटर्न की संभावना।  

2. निवेश नियंत्रण: फंड मैनेजर और एलोकेशन चुनने की स्वतंत्रता।  

3. कम शुल्क और पारदर्शिता: लागत कम होने से नेट रिटर्न बेहतर हो सकता है।  

4. कर‑लाभ: योगदान पर कर‑छूट उपलब्ध होती है।  

5. पोर्टेबिलिटी: नौकरी बदलने पर भी NPS खाता साथ चलता है।  

NPS उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो जोखिम सहन कर सकते हैं, लंबी अवधि के निवेशक हैं, निवेश‑नियंत्रण और संभावित उच्च रिटर्न को प्राथमिकता देते हैं, तथा कर‑लाभ और पोर्टेबिलिटी चाहते हैं।


परिदृश्य‑आधारित उदाहरण और व्यावहारिक प्रभाव


1) त्यागपत्र 20 वर्ष सेवा  के बाद

यदि कोई कर्मचारी 20 वर्ष के बाद त्यागपत्र देता है, तो UPS के तहत सुनिश्चित मासिक पेंशन उपलब्ध नहीं होगी। NPS में संचित कोष उसका रहेगा; वह कोष निकासी या वार्षिकी खरीदने के लिए उपयोग कर सकता है, पर मासिक पेंशन की कोई सरकारी गारंटी नहीं होगी। इस स्थिति में NPS का लाभ यह है कि कोष पर नियंत्रण और विकल्प बने रहते हैं।


2) 10 वर्ष सेवा पर NPS में होना और अब UPS में स्विच करना, कुल सेवा 23 वर्ष पर सेवानिवृत्ति  

यदि किसी कर्मचारी ने पहले 10 वर्ष NPS में बिताए और अब UPS चुनकर कुल सेवा 23 वर्ष पूरी करता है, तो उसका NPS का संचित कोष UPS के व्यक्तिगत कोष में ट्रांसफर होगा। UPS के नियमों के अनुसार 23 वर्ष पर पेंशन प्रो‑राटा होगी। उदाहरण के लिए, यदि अंतिम 12 माह का औसत मूल वेतन ₹50,000 है, तो आधा वेतन ₹25,000 होगा और प्रो‑राटा गणना \(25,000 \times 276/300\) के अनुसार लगभग ₹23,000 प्रति माह पेंशन बनेगी, साथ में महंगाई भत्ता लागू होगा। यहाँ UPS की गारंटी लाभ देती है क्योंकि NPS में वही व्यक्ति वार्षिकी दरों और बाजार प्रदर्शन पर निर्भर रहता।


3) स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर 13 वर्ष सेवा  

यदि कोई कर्मचारी 13 वर्ष की सेवा पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेता है, तो UPS के तहत प्रो‑राटा पेंशन लागू होगी पर अधिसूचना के प्रावधानों के अनुसार पेंशन के शुरू होने का समय और विशेष शर्तें लागू हो सकती हैं (उदाहरणतः पेंशन अधिवर्षिता पर शुरू हो सकती है)। गणना का तरीका: पेंशन = \((\text{औसत मूल वेतन}/2) \times (\text{योग्य माह}/300)\)। उदाहरण के लिए औसत मूल वेतन ₹50,000 होने पर आधा ₹25,000 और \(25,000 \times 156/300 = ₹13,000\) प्रति माह पेंशन बनेगी, साथ में महंगाई भत्ता लागू होगा; पर वास्तविक भुगतान‑प्रारम्भ अधिसूचना के नियमों पर निर्भर करेगा।


4) 5 वर्ष NPS में, फिर UPS में स्विच और 19 वर्ष और सेवा (कुल 24 वर्ष)  

यदि किसी ने 5 वर्ष NPS में बिताए और फिर UPS में आकर 19 वर्ष और सेवा की, तो कुल सेवा 24 वर्ष होगी। NPS का संचित कोष UPS व्यक्तिगत कोष में जाएगा। UPS के अनुसार 24 वर्ष पर प्रो‑राटा पेंशन मिलेगी; औसत मूल वेतन ₹50,000 मानकर पेंशन \(25,000 \times 288/300 = ₹24,000\) प्रति माह होगी, साथ में महंगाई भत्ता। यहाँ UPS का लाभ यह है कि बाजार‑अन्योन्याश्रितता के बावजूद पेंशन का एक निश्चित स्तर सुनिश्चित होता है।


5) सेवा आरम्भ आयु के आधार पर (उदाहरण: 24, 25, 30 वर्ष में शामिल होना)  

यदि कोई कर्मचारी 24, 25 या 30 वर्ष की आयु में सेवा में शामिल होकर 60 वर्ष तक कार्य करता है और कुल सेवा ≥25 वर्ष हो जाती है, तो UPS के तहत पूर्ण पेंशन मिलेगी, जो अंतिम 12 माह के औसत मूल वेतन का 50% होगी। उदाहरण के लिए औसत मूल वेतन ₹50,000 होने पर पूर्ण पेंशन ₹25,000 प्रति माह होगी, साथ में महंगाई भत्ता। NPS में देर से जुड़ने पर भी कोष बढ़ेगा पर वार्षिकी का स्तर कोष और उस समय के बाजार‑दर पर निर्भर रहेगा।


निष्कर्षात्मक मार्गदर्शन (संक्षेप)  

• यदि प्राथमिकता निश्चित मासिक आय और महंगाई‑सुरक्षा है तो UPS उपयुक्त है, विशेषकर जब आप 25 वर्ष तक सेवा पूरा करने की संभावना देखते हैं।  

• यदि प्राथमिकता लंबी अवधि में बाजार‑लिंक्ड वृद्धि, निवेश‑नियंत्रण और कर‑लाभ है तो NPS उपयुक्त है, और यह युवा तथा जोखिम‑सहिष्णु निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।  

• निर्णय लेते समय अपनी सेवा‑अवधि, नौकरी‑योजना, जोखिम‑प्रोफ़ाइल और कर‑स्थितियों को ध्यान में रखें।

यहां दी गई जानकारी आधिकारिक रूप से आय गजट नोटिफिकेशन के अनुसार रखने की कोशिश की गई है। लेकिन आप अपने स्तर से जरूरी जानकारी अपने विभाग से ले सकते है। 

इस विषय में और जानकारी भी कुछ और पोस्ट में दी गई है। आप उनको भी देख सकते है।

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